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कोरोना में मृत समझा युवक दो साल बाद परिवार के पास लौटा,

   कोरोना में मृत समझा युवक दो साल बाद परिवार के पास लौटा,

परिजन ने गांव में कर दिया था तेरहवा, परिवार में लौटी खुशियां, युवक से मिलने पहुंच रहे 

सरदारपुर। कोरोना संक्रमण में मृत हुआ युवक आज सुबह अपने परिवार के घर पर अचानक लौट आया हैं, युवक को दो साल पहले कोरोना हुआ था, जिसके बाद फेकडे में सक्रमण होने के चलते बेटा पिता को लेकर बडौदा गया था, जहां पर उपचार के दौरान निजी अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया था। कोरोना होने के चलते कोविड टीम ने ही बडौदा में अंतिम संस्कार कर दिया था, जिसके बाद परिजन पुन अपने गांव लौट गए थे, आज सुबह अचानक युवक अपने मामा के घर सरदारपुर तहसील के ग्राम बडवेली पहुंचा, इसके बाद परिजनों को सूचना दी गई। कुछ देर में कडोदकला से परिवार के अन्य सदस्य भी पहुंचे है।

इधर अचानक युवक के लौटने के बाद परिवार के लोगों में खुशी का माहौल हैं, वहीं युवक का कहना हैं, कि कुछ लोगों ने उसे बंधक बनाकर रखा था, जहां से एक ट्रक में उसे ले जा रहे थे तभी वहां से भाग निकला व बस से धार पहुंचा था।

यह है मामला –
बदनावर तहसील के ग्राम कडोदकला निवासी कमलेश पिता गेंदालाल पाटीदार को साल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण हुआ था, परिजन सबसे पहले कमलेश को बदनावर के हॉस्पिटल लेकर गए थे, जहां से इंदौर में भी उपचार चला था। कुछ दिन ठीक होने पर परिजन तब पुन गांव आ गए थे, हालांकि थोडे दिन बाद कमलेश के शरीर में ब्लड जमने सहित मोठा होने लगा व संक्रमण बढने लगा। जिसके बाद डॉक्टरों की राय पर युवक को बडौदा लेकर गए थे।

कोरोना के उपचार के लिए उसे बड़ौदा के निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान डाक्टरों ने कमलेश को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की सूचना पर स्वजन अस्पताल पहुंचे। किंतु कोरोना पाजीटीव होने से परिजनों को मृतक का शव दूर से ही दिखाया था। पोलीथीन में लिपटी देह को पुष्टी के साथ पहचानना संभव नहीं था। किंतु चिकित्सकों के कहने पर परिजनों ने उसे कमलेश ही मान लिया। संक्रमित होने की मृत्यु होने पर शव स्वजनों को ना देते हुए बड़ौदा में ही कोविड टीम ने अंतिम संस्कार कर दिया।

परिवार ने मान लिया था मृत –
बडौदा से लौटने के बाद परिजनों ने मृत मानते हुए पूरे परिवार सहित गांव के लोगों को सूचना दी थी, गांव के लोग भी तेरहवे के कार्यक्रम में युवक के घर पर आए थे, इधर पिछले दो सालों से युवक की पत्नी भी विधवा का ही जीवन जी रही थी। किंतु जैसे ही कमलेश के जीवित होने की सूचना मिली तो उनके गमगीन चेहरों पर खुशियों की रौनक लौट गई। शनिवार  सुबह बेटे कमलेश के जीवित होने की सूचना गेंदालाल के ससुराल बड़वेली (सरदारपुर) से मिली तो पिता को विश्वास नहीं हुआ। तत्काल वीडियो काल करके कमलेश के होने की पुष्टी की। कमलेश भी अपने पिता व परिजनों को देखकर भावुक हो गया। इसके बाद सभी परिजन बड़वेली पहुंचे। यहां पर मुलाकात के बाद उसके जीवित होने की पुष्टि के लिए शासकीय प्रक्रिया पूर्ण करने हेतु सरदारपुर थाने पर सूचना दी गई। किंतु युवक कड़ोदकला निवासी है जो कानवन थाने के अंतर्गत आता है इसलिए सरदारपुर पुलिस ने उसे संबंधित थाने पर ले जाने की सलाह दी।

इंजेक्शन दिया जाता था –
युवक कमलेश ने कोरोना में ठीक होने के बाद अहमदाबाद में किसी गिरोह के चंगुल में होने की जानकारी परिवार के लोगों को दी हैं, उसके अनुसार उसे अहमदाबाद में पांच से सात युवकों द्वारा बंधक बनाकर रखा गया था। उसे एक दिन छोड़कर नशीली दवाओं का इंजेक्शन दिया जाता था, जिससे वह हर समय बेसुध ही रहता था। एक दिन पूर्व चार पहिया वाहन से अहमदाबाद से कहीं और ले जा रहे थे इसी दौरान गिरोह के लोग एक होटल पर नाश्ता करने के लिए रूके।

इसी बीच मौका पाकर वह अहमदाबाद से इंदौर आ रही यात्री बस को देखकर चार पहिया वाहने से उतरकर बस में बैठ गया। देर रात्रि में सरदारपुर उतरा एवं वहां उपस्थित लोगों को अपने मामा के घर बड़वाले पहुंचने की बात कही। तब लोगों के सहयोग से वह बड़वेली आया।

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