रानी रूपमती पवेलियन से पर्यटकों को नहीं हो रहे हैं मां नर्मदा के दर्शन
मांडू सोनू यादव । हम बात कर रहे हैं मांडू की रानी रूपमती की महल की जहां पर प्राचीन काल में रानी रूपमती मां नर्मदा के दर्शन कर अन् जल ग्रहण कर मां नर्मदा के दर्शन करती थी जहां एक और भारतीय पुरातत्व विभाग प्राचीन स्मारकों को सहजता है वही प्राचीन काल की बातों को भूलकर रानी रूपमती का पवेलियन का प्रवेश द्वार बंद कर दिया गया जहां से पर्यटक मां नर्मदा के दर्शन किए बिना लौट रहे हैं इसको लेकर पर्यटकों में काफी निराशा देखी जा रही
मांडू के रानी रूपमती महल का मुख्य पवेलियन का प्रवेश द्वार बंद पिछले 4 वर्षों से आज तक नहीं खुला कोरोना में बंद किया था अस्थाई रूप से, आने वाले देशी पर्यटक ₹25 और विदेशी पर्यटक ₹300 महल का पूरा शुल्क दे रहे है। लेकिन रानी रूपमती जहां से नर्मदा के दर्शन करती थी वह क्षेत्र बंद क्यों, पर्यटक निराश होकर लौट रहे हैं, जिम्मेदार अधिकारी के पास कोई लिखित आदेश नहीं है। इसे बंद करने का।
अपार सुंदरी रानी रूपमती के मांडू स्थित विश्व विख्यात महल को निहारने बड़ी संख्या में सैलानी देश विदेश से यहां भ्रमण करने आते हैं लेकिन लंबे समय से महल के सबसे महत्वपूर्ण ऊपरी से का पवेलियन का प्रवेश बंद कर रखा है पुरातत्व विभाग ने। यहां पर्यटकों से पूरा शुल्क लिया जाता है और जब वह रानी रूपमती महल पहुंचते हैं तो मेंन का पवेलियन उन्हें बंद मिलता है तब वह निराश होते हैं जबकि बंद पड़े पवेलियन से रानी रूपमती मां नर्मदा के दर्शन किया करती थी. भारतीय पुरातत्व विभाग ने कोरोना कल में इस मार्ग को बंद कर दिया था, उसके बाद करीब 4 साल पूरे होने को आए हैं दोबारा इस महल का यह गेट आज तक नहीं खुला. विभाग ने इस क्षेत्र में तालाबंदी कर दी है साथी इस पवेलियन के लिए दूसरी ओर एक लोहे की सीधी भी लगाई गई थी वह भी हटा दी गई है.
रानी रूपमती के महल का नाम सुनकर यहां सैलानी आते हैं लेकिन पिछले 4 वर्ष से अधिक समय से इस महल का ऊपरी यह पवेलियन एरिया बंद पड़ा है जबकि विभाग शुल्क पूरा ले रहा है.
इतिहासकार करो की माने तो दसवीं शताब्दी में परमार द्वारा निर्मित इस महल में बाज बहादुर ने रानी रूपमती के लिए सन 1555 में 48 घंटे के अंदर ऊपरी तल का यह पवेलियन तैयार करवाया था ताकि रानी रूपमती मां नर्मदा के दर्शन कर अन्य जल ग्रहण कर सके आज भी यहां से महेश्वर और खलघाट स्थित नर्मदा के दर्शन किए जा सकते हैं.
● शुल्क पूरा तो दर्शन क्यों अधूरे
आज मांडू आए सैलानी विपिन पटेल ने भास्कर से चर्चा करते हुए बताया कि हम गुजरात से यहां घूमने आए और रानी रूपमती और बाज बहादुर की प्रणय प्रेम कहानी का विशेष चर्चा सुना था हम 20 सदस्य साथ में हैं और हमसे करीब ₹25 एक व्यक्ति से लिए गए इस महल के दर्शन करने के लिए हम जब महल के ऊपर गए तब हमने देखा की मुख्य महल का पावेलन एरिया में ताला लगा था हमने पूरे महल को देखने के पैसे दिए थे फिर अधूरा महल क्यों विभाग दिखा रहा है. यह महल काफी लोकप्रिय है इसलिए इस गेट को खोलना चाहिए।
◆ तत्कालीन वन मंत्री ने यहां नर्मदा दर्शन करने के लिए माइक्रोस्कोप लगाने की घोषणा की थी वह घोषणा बनकर रह गई
प्रदेश के तत्कालीन वन मंत्री कुंवर विजय शाह धार प्रवास के दौरान दावा किया था घोषणा कर कि यहां आने वाले पर्यटकों को मां नर्मदा के दर्शन के लिए यहां टेलीस्कोप दूरबीन लगाया जाएगा ताकि यहां से पर्यटक सीधे मां नर्मदा के दर्शन कर सके पर वह घोषणा भी घोषणा बनकर रह गई मंत्री बदल गए पर घोषणा आज तक पूरी नहीं हुई।
क्या कहते हैं पर्यटक, शुल्क पूरा फिर दर्शन अधूरे क्यों
मांडू आई पर्यटक नीलेश दुबे और रीता दुबे ने बताया कि मांडू दर्शन के लिए तीन जगह 25-25 रुपए का टिकट लिया पर रानी रूपमती महल का अधूरा दर्शन कहीं ना कहीं मन में दुख का विषय बना, कोरोना के पहले तक यह द्वार खुला था तब यहां दुर्घटनाएं नहीं होती थी अब दुर्घटना होने की बात विभाग कर रहा है तो यह गलत है। हम पर्यटक रानी रूपमती महल को देखने आए थे की कहां से नर्मदा के दर्शन रानी रूपमती करती थी पर वह जगह ही बंद पड़ी है।
● पुरातत्व विभाग के भोपाल सुपरीटेंडेंट मनोज कर्मी से सीधी बात इस पवेलियन के बंद होने को लेकर
° रानी रूपमती महल का यह मुख्य पवेलियन द्वारा क्यों बंद कर रखा है
जवाब – रास्ता सकरा है दुर्घटना का अंदेशा है इसलिए बंद कर दिया
° जब से विभाग के पास इसकी देखरेख है 20 21 तक तो यह द्वार खुल रहा तब दुर्घटना नहीं होती थी
जवाब – मुझे नहीं मालूम मैं आया तब से यह बंद है, फिर भी मैं जनवरी में होने वाली विभाग की बैठक में इस इस विषय को रखूंगा
° लाखों पर्यटक मांडू आए तब कोई दुर्घटना नहीं हुई फिर आप दुर्घटना की बात कर रहे हैं
जवाब – मैं दिखाता हूं, यह मांडू सर्कल का लोकल मामला है, मुझे नहीं मालूम क्यों बंद कराया था, आपके प्रश्न के बाद में इसे मीटिंग में रखूंगा पर्यटकों से जुड़ा मुद्दा है