पर्यटन नगरी माडू का मौसम सुहाना हो गया है। सर्द हवाओं ने खूबसूरत वादियों में घूमने के मजे को दोगुना कर दिया है। यहां रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। इससे खासी चहल-पहल देखने को मिल रही है । सैलानी ऐतिहासिक इमारतों के भ्रमण के साथ यहां के इतिहास से भी रूबरू हो रहे हैं। मांडू पहुंच रहे गुजरात ,महाराष्ट्र ,पश्चिमबंगाल ,दिल्लीै, राजस्थान के पर्यटकों को मांडू उत्सव का इंतजार है, ताकि वह उत्सव के दौरान होने वाली एडवेंचर गतिविधियों में भाग लें और आसमान में गोते लगाते हुए मांडू के नैसर्गिक सौंदर्य को देख सकें। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों कामानना है मांडूका सीजन बारिश के दिनों में अपने पूरे शबाब पर रहता है इसके अलावा दशहरा दीपावली पर्व केबाद दोबारा सीजन शुरू होता है नवंबर दिसंबर के साथ नववर्ष का जश्न मनाने पर्यटक मांडू पहुंचते हैं बीते वर्षों में दिसंबर में मडू उत्सव कराया गया था पिछले वर्ष मांडू उत्सव होने से पर्यटकोंको निराश होकरलौटना पड़ा था इस बार भी मांडू उत्सव को लेकर उत्सुकता देखने कोमिल रही है
विदेशी सैलानियों का बढ़ता ग्राफ
कोरोना कलके बाद से मांडू का पर्यटन धीरे-धीरे पटरी पर आने लगा है यहांदेसी पर्यटक की संख्या में बढ़ोतरी तो ही है इसके साथ विदेशी पर्यटक भी अच्छीसंख्या में पहुंच रहे हैं भारतीयपुरातत्व विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021-22 में विदेशी पर्यटक 88 मांडू पहुंचेथे इसके बाद 2022-23 में यह आंकड़ा 1005 पर पहुंचा वहीं वर्ष 2023 24 में विदेशी पर्यटक 1515 मांडूके ऐतिहासिक दीदार करने पहुंचे इस तरह प्रतिवर्ष मांडू में पर्यटकोंकी संख्या बढ़ती जा रही है
व्यापक सुविधा और सुंदर हिल स्टेशन
मांडू के नैसर्गिक और प्राकृतिक सौंदर्य कि हम बात करें तो यहां की आबोहवा प्रदूषण रहितहै जल संपदाओं से घिरी यह नगरी जल संरचनाओं का बेजोड़ उदाहरण है विंध्याचल की पर्वत श्रृंखला पर बस मांडू और इसकी तलछटी मैं मालवा कास्वर्ग मालीपुरा पर होमस्टे और मछली पालन के साथ मालीपुर डेम का अनुपम सौंदर्य अपनी और आकर्षित करता है बीते वर्षों में मांडूमें पर्यटकों के लिएसुविधा भी सधार देखने कोमिल रहे हैं मांडूमें होटल रिसोर्ट और ठहरनेके लिए लॉज के पर्याप्त इंतजाम हो गए हैं