दो साल नौ माह में 15 किमी. सड़क नहीं बना पाया ठेकेदार, कोई पूछने वाला नहीं, लोगों ने एसई को घेरा
फरीदाबादएक घंटा पहलेकॉपी लिंकपॉश सेक्टर सैनिक कॉलोनी सेक्टर 49 की है कहानी, 16.75 करोड़ की लागत से बननी है आरएमसी सड़क।निगम शर्तों के अनुसार एक साल में बन जानी थी सड़क, अधिकारी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने को नहीं हैं तैयार, इस कॉलोनी में करीब 4500 मकान हैं जिनकी आबादी 20 हजार से अधिकनगर निगम द्वारा शहर में कराए जा रहे विकास कार्यों में बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। कोई भी ठेकेदार समय पर काम पूरा कर रहा है। इसका खामियाजा शहर की जनता को भोगना पड़ रहा है। नया मामला पॉश सेक्टर 49 सैनिक कॉलोनी का है। यहां इंटरनल और आउट साइड में कुल 15 किलोमीटर की आरएमसी सड़क बननी है। दौ साल नौ माह पहले सड़क बनाने का काम शुरू हुआ लेकिन आज तक बनकर तैयार नहीं हो पायी।हैरानी की बात यह है कि िनगम के जिम्मेदार अधिकारी न तो ठेकेदार से इस बारे में पूछताछ कर रहे और न ही उसके खिलाफ एक्शन ले रहे। यहां के 4500 मकानाें में रहने वाली करीब 20 हजार से अधिक की आबादी जर्जर सड़कों से निकलने को मजबूर हैं। सड़क जर्जर होने से धूल मिट्टी लोगों के घरों में पहुंच रहा है। बारिश के दिनों मंे पूरा सेक्टर तालाब बन जाता है। शुक्रवार को निवर्तमान पार्षद राकेश भड़ाना के नेतृत्व में कॉलोनी के लोगों ने एसई ओमवीर सिंह का घेराव किया और नाराजगी जाहिर की। लोगों ने कहा कि अब सब्र जबाब दे रहा है। यदि ठेकेदार जल्द काम शुरू नहीं किया तो सड़क पर उतरकर आंदोलन होगा।16.75 करोड़ की लागत से बननी है 15 किमी. की सड़कनिवर्तमान पार्षद राकेश भड़ाना ने बताया कि सितंबर 2019 में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने सैनिक कॉलोनी के अंदर की 12 किमी. और बाहर की तीन किमी की सड़क बनाने के कार्य का शुभारंभ किया था। सड़क बनाने में 16.75 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। तब से आज तक महज तीन किलोमीटर ही सड़क बन पाई। जबकि कॉलोनी की पूरी सड़कें जर्जर हो चुकी है।सैनिक कॉलोनी की जर्जर हो चुकी सड़क, बारिश में पूरी कॉलोनी बन जाती है तालाबकरोड़ों खर्च के बाद भी 20 हजार की आबादी परेशानभड़ाना ने बताया कि शहर के पाॅश सेक्टर 49 में 4500 से अधिक प्लाट व फ्लैट बने हैं। यहां की आबादी 20 हजार से अधिक है। एक एक प्लाट अथवा बने फ्लैट की कीमत करोड़ रुपए तक है। इतना पैसा खर्च करने के बाद भी यहां के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही। कॉलोनी की इंटरनल और बाहरी सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। दो से तीन फुट तक गड्ढे बन गए हैं।कॉलोनी निगम में आते ही हो गई बर्बादबता दें कि सैनिक कॉलोनी लाइसेंसशुदा कॉलोनी थी। लेकिन वर्ष 2018 में राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद सरकार ने इसे नगर निगम में शामिल कर दिया। अब यहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना नगर निगम की जिम्मेदारी है। लेकिन िनगम ठीक से अपना काम नहीं कर पा रहा है। शुक्रवार को एसई ओमवीर का घेराव करने पहुंचे कॉलोनी के लोगों ने कहा कि दो साल नौ माह में नारियल के दाम बढ़ गए लेकिन 15 किमी. सड़क नहीं बन पाई।प्रदर्शन के बाद भी नींद से नहीं जागे अधिकारीकॉलोनीवासी राजू, रमेश अग्रवाल, अनिल अरोड़ा, एससी छाबड़ा, राजीव सेठी, डॉ. शत्रुघन, दिनेश पंचाल का कहना है कि पिछले साल 25 अगस्त को सैकड़ांे कॉलोनी के लोगों ने सड़क निर्माण को लेकर प्रदर्शन किया था। कमिश्नर के हस्तक्षेप के बाद काम शुरू होकर दो चार दिन चला फिर बंद हो गया। उधर एसई अोमवीर सिंह का कहना है कि इस बारे में ठेकेदार से बात की जाएगी। सड़क बनाने में कहां दिक्कत आ रही है। प्रयास होगा कि जल्द काम करा दिया जाए।खबरें और भी हैं…